शेर Vs शमशेर
I seriously lacked creativity and hence envied Sher-o-Shayari which resulted into twisting of Sher and calling it Shamsher. Here are some examples. Of course I paid the cost of it and advise you to do it on your own risk. On left side are the original Sher while on the right side is the result of my twisted mentality.
दिल की हालत की तरफ किसकी नज़र जाती है
इश्क़ की उम्र तमन्ना में गुज़र जाती है
दिल की हालत की तरफ किसकी नज़र जाती है
ज़िस्म की तम्मना में उम्र गुजर जाती है
हममें ये बुराई है कि दिल में नहीं रखते
लोगों में ये खूबी है कि मुँह पर नहीं कहते
लोगों में ये खूबी है कि मुँह पर नहीं कहते
हममें ये बुराई है कि दिल में नहीं रखते
मुहब्बत का अन्जाम मुहब्बत वालों से पूछिये
कितनी बार दम निकला दम वालों से पूछिये
क़त्ल-ए-आम का उल्लास कातिलों से पूछिए
महफ़िल में मरने वालों का हाल-ओ-चाल तो पूछिए
हम खुदा के कभी कायल ही न थे
उनको देखा तो खुदा याद आया
हम खुदा के कभी कायल ही न थे
उनको देखा तो कूवते लाहौल विला आया
हया से सर झुका लेना, अदा से मुस्करा देना
हसीनों को भी कितना आसान है बिजली गिरा देना
हाथ से सर खुजा लेना फिर अट्टाहस लगा देना
हम मर्दों को भी आता है वक्त गवां देना
आशिक मरते नहीं दफनाए जाते हैं
कब्र खोद कर देखो इंतजार करते मिलेंगे
इश्क मरता नहीं छुपाया जाता है
दिल टटोल कर देखो घाव खुल जाया करता है
आये थे हंसते खेलते मयखाने में फ़िराक
जब पी चुके तो सजीदा हो गये
आये सब हंसते खेलते महफ़िल में बेहिसाब
जब पी चुके अथाह तो बेवफा हो गये
हर कहर बुरी होती है हर उम्र बुरी होती है
हुस्न कहां तक रहे बचकर यारों कि हर नज़र बुरी होती है
न इनकी कही बुरी होती है न उनकी कही बुरी होती है
कहाँ तक मौन रहें, अपनी तो हर बात खंजर होती है
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