एक कविता का प्रयास
Never give up on your dreams. Some dreams may require more than one life time.Enjoy the result of a desperate effort by Mr Khallas to create a sensible poetry. A life time dream remains a distant dream.
चंद शब्दों को समेटकर देखा
व्याकरड़ की दहलीज़ से निकलकर देखा
पिछले कुछ पन्ने पलटकर देखा
गानों को सपाट गाकर देखा
उनसे परामर्श भी करके देखा
दीर्घशंका में अंतरध्यान बैठ कर देखा
Pen और paper बदलकर देखा
चाय के चार कप सटक कर देखा
Internet पर surf करके देखा
बारिश में भीगकर देखा
प्रकृति के विभिन्न रूपों से गुजरकर देखा
थक हारकर औंधे गिरकर देखा
पुनः घटनाक्रम को उचित क्रम में सजोकर देखा
दिन को छोटा कर के भी देखा
तख्खलुस पर तख्खलुस बदल कर देखा
पसीने की जगह ढाई सौ ग्राम तेल निकालकर देखा
बेघर बालकों की गली से निकलकर देखा
निराला की पत्थर तोड़ती श्रमिका को देखा
समय के प्रवाह में बहकर देखा
महफिल में सुरा की इन्तहा कर के देखा
ऐन मौके तक भाव भंगिमा रोक के देखा
हंसना तो दूर मुस्कराना भी छोड़ कर देखा
शहर से दूर एक मशहूर शिला पर मत्था टेककर देखा
नितान्त शांत और महफूज़ जगह पर रात बिता कर देखा
अल्लाह और राम में भेद मिटाकर देखा
नत्थू मोची को गले लगाकर देखा
घर के हर कमरे का नक्शा बदल कर देखा
different colour के bulbs बदलकर देखा
दूर से आती लोकगीत की तानों पर कान लगाकर देखा
extreme तो देखिये कि – पिताश्री की आज्ञा का पालन कर के देखा
local और overseas कलाकारों की महफिल में जाकर देखा
अपना nature बदल दोस्तों की बातें सुनकर देखा
भरोसेमंद लोगों को upset कर के देखा
अपनी ही car से पचास किलोमीटर दूर बसे दोस्त के घर जाकर देखा
दोनों संतानों को सौ dollars each देकर देखा
cartoon network की जगह CNN लगाकर देखा
Karate का काता reverse order में करके देखा
Treadmill पर भी उलटे चलकर देखा
तीन साल पहले लिखे computer programme को decode करके देखा
driver की जगह pillion बनकर देखा
कभी दाड़ी बढ़ाकर तो कभी मूंछ मुढ़ाकर देखा
दिन में तीन बार नेथी की क्रिया करके देखा
बचपन की गलतियों को दोहराकर देखा
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का अभ्यास करके देखा
अखण्ड रामायण का पाठ करके भी देखा
peak period में international travel करके देखा
कभी Singapore तो कभी Tiger Airlines से चलकर देखा
भिन्डी की सब्जी में पानी डालकर देखा
Noodles को Pressure Cooker में उबालकर देखा
सुदूर रिश्तेदार की शादी में Ice-cream के पकौड़े खाकर देखा
मंगल गृह पर Challenger की landing का live telecast भी देखा
महाभारत और रामायण का सीरियल कई बार देखा
Hollywood और Bollywood का समन्वय कर देखा
YouTube का गहन अध्यन कर के देखा
चंद उम्दा sites का registration fill करके देखा
Creative writing का छः मास का course करके देखा
Breakfast की जगह Lunch खाकर देखा
सरहद पर बैठे जवान की माँ से मिलकर देखा
होश और बेहोशी की चरमसीमा तक जाकर देखा
याद रह गये सपनों पर गौर करके देखा
उनके कहने पर ऊंट के नीचे से निकलकर देखा
वैष्ड़ों देवी से कामख्या देवी तक यात्रा करके देखा
रात की बची रोटी का पराठा बनाकर देखा
diabetic होते हुए भी जलेबी और समौसे खाकर देखा
Hospital और Olympic में voluntary work करके देखा
न चाहते हुए भी महीने भर vegetarian रह कर देखा
पत्नी की आज्ञा की अवहेलना करके देखा
एक रोज तो हर रहगुजर को मुस्कराकर hello करके देखा
दही को लटकाकर श्रीखंड बनाकर देखा
ज्ञानी और अज्ञानी के संवाद में सम्लित होकर देखा
उनकी तिरछी नजरों से बचकर भी देखा
बच्चों की नानी को पूरे साल Melbourne बुलाकर देखा
नाना की आध्यात्मिक चर्चाओं का खुलासा करके देखा
family के कई नये पुराने photographs निकालकर देखा
नई बिहाई बछिआ वाले ढूध की मिठाई खाकर देखा
संगीत में सुर और लय में ताल मिलाकर देखा
GI कि तालिका में 100 से 0 तक जाकर देखा
ढ़ाई हफ्ता बिना नहाए रहकर देखा
Sector J से Sector L में shift होकर देखा
साली और सलहजों के साथ पूरी तल कर देखा
सालों के साथ सुट्टा लगाकर भी देखा
Fish oil, Multi Vitamin और Minerals का सेवन बढ़ाकर देखा
मराठी बाउ के साथ चावल में दूध व नमक डालकर देखा
चाय में चीनी व नमक साथ डालकर देखा
बिना भिगोये काबिली चने उबालकर देखा
juice निकली गाजरों का हलवा बनाकर देखा
International Call पर उनसे पूछकर पोहा बनाकर देखा
परिवार जनों में फूट डालकर भी देखा
फिर कुछ जानलेवा दुश्मनों में सुलह कराकर देखा
लोई को स्थिर व् स्वतः को परिक्रमित कर
इकाई नहीं दहाई में रोटी बेलकर देखा
पचास की उम्र में कक्छा पांच की books का अध्यन करके देखा
साथ ही management की top 50 books का अध्यन भी करके देखा
teenager की तरह coffee shop में घंटों बैठकर देखा
Malaysian और Thai Restaurants की विभ्भिन dishes में डूबकर देखा
किन्तु अभी तक कविता का स्थाई बनते भी न दिखा
अंततः हर प्रयास से असफल और
ज़िंदगी से बेदखल हो
उस रात अनायास
सफेद चादर को सर से हटाकर
थोड़ा सा मुस्करा कर
कविता ने धीरे से कहा
अरे ये ही तो है खल्लास !!
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खल्लास करे काहे बकवास
सब कुछ तो है तेरे पास
साथी भी मिला ये खास
बच्चों ने भी नहीं किया निराश
फिर क्यों कहे अपने को खल्लास
तुझे न रहेगा खालीपन का अहसास
सुर और ताल का ज्ञान है तेरे पास
जरूरतों को पूरा करने के लीये धन भी तेरे पास
और है जीवन धारा में जी भर के जीने की आस
खाली नाम का ही बस है तू खल्लास
समझते रहे यदि यूँ ही आप
खल्लास को class
कहीं आप का भी न हो जाये
यही हाल !!
My best wishes for your Jeevan Dhara Project